tag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post1248937350365261979..comments2023-08-12T16:22:34.016+05:30Comments on nazariya.....नजरिया.....: सुब्ह की उम्मीद .........विप्लवी साहब !Pawan Kumarhttp://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-21148065813826565092010-01-31T12:46:00.649+05:302010-01-31T12:46:00.649+05:30बहुत बढ़िया लिखा है आपने! हर एक शेर एक से बढ़कर एक ...बहुत बढ़िया लिखा है आपने! हर एक शेर एक से बढ़कर एक है! इस लाजवाब और उम्दा ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-73631295377372622122010-01-29T16:49:47.583+05:302010-01-29T16:49:47.583+05:30behad khoobsoorat...laajaab...behad khoobsoorat...laajaab...pramod kush ' tanha'https://www.blogger.com/profile/11085897833540710254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-63104577046434784882010-01-28T23:41:19.096+05:302010-01-28T23:41:19.096+05:30किसी एक की तारीफ़ गलत होगा ये. शानदार. आभार.किसी एक की तारीफ़ गलत होगा ये. शानदार. आभार.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-61448694852838351792010-01-28T19:08:02.339+05:302010-01-28T19:08:02.339+05:30ज़मीं के लोग हों जब बेज़ुबां से,
शिकायत क्या करेंग...ज़मीं के लोग हों जब बेज़ुबां से,<br />शिकायत क्या करेंगे आसमाँ से !<br />नदी से नाव की रस्साकसी है,<br />हवा उलझी हुयी है बादवां से !<br />हमें भी मस्जिदों की है ज़रुरत,<br />हमारी नींद खुलती है अजाँ से !<br />shandaar lines.....Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-18559254513865319692010-01-28T07:19:54.189+05:302010-01-28T07:19:54.189+05:30.... बेहतरीन गजल,एक से बढकर एक शेर,....प्रभावशाली ....... बेहतरीन गजल,एक से बढकर एक शेर,....प्रभावशाली प्रस्तुति !!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-47676422792465641512010-01-27T23:14:43.680+05:302010-01-27T23:14:43.680+05:30महफूज भाई के ब्लॉग से यहाँ आया तो आकर ठहर सा गया. ...महफूज भाई के ब्लॉग से यहाँ आया तो आकर ठहर सा गया. आस जगी थी कि कुछ अच्छा मिलेगा मगर इतना अच्छा, यकीं नहीं होता!<br />सभी शेर एक से बढ़कर एक हैं.<br /><br />'' पैर फिसले ख़ताएँ याद आईं ,<br />कैसे ठहरें ढलान लम्बी है !! ''<br /><br />या फिर यह..<br /><br />इक दिन रेत बना डालेंगी,<br />नदियाँ हैं चट्टान के पीछे !<br /><br />..सुन्दर पोस्ट के लिए आभार.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-76228622176944766372010-01-25T14:28:55.925+05:302010-01-25T14:28:55.925+05:30बहुत बढ़िया दोस्त. विप्लव साहब की शायरी से परिचय क...बहुत बढ़िया दोस्त. विप्लव साहब की शायरी से परिचय करने का शुक्रिया. उनकी शायरी बेहद संजीदा है दोस्त. उनकी शायरी में अस्तित्ववाद की झलक मिलती है. उनकी शायरी में मानववाद तथा मानव के अस्तित्व की वेदना का स्पष्ट चित्रण होता है. मुझे विप्लव साहब का पता तथा उनका मोबाइल नंबर जरूर समस कीजियेगा.<br />खुदा हाफिज़.सत्येन्द्र सागरhttps://www.blogger.com/profile/04186300981279850032noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-25293540204887506302010-01-24T23:16:03.196+05:302010-01-24T23:16:03.196+05:30why you left this sher any way you covered much ab...why you left this sher any way you covered much about him<br /> zindagi ki jaruraten samjho.<br /> waqt kam hai dukaan lambi hai..<br /><br />i liked this sher of this gazal very much ...sumatihttps://www.blogger.com/profile/16791234271570003879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-79112453501647284712010-01-24T22:38:05.830+05:302010-01-24T22:38:05.830+05:30पवन भाई, बिप्लवी जी कि इतनी शानदार शायरी और ताज़ा-...पवन भाई, बिप्लवी जी कि इतनी शानदार शायरी और ताज़ा-तरीन ग़ज़लें पढवाने के लिए आभार. जी खुश हो गया शायरी के इतने शानदार नमूने पढ़कर. आपके संस्मरण भी काफी बेहतरीन हो रहे हैं..देखे अगली बार आप हमलोगों का परिचय किनसे करते हैं...KESHVENDRA IAShttps://www.blogger.com/profile/08624176577796237545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-71379463310587715582010-01-24T19:56:01.749+05:302010-01-24T19:56:01.749+05:30apki tippni ke bahaane aapke rachna sansar ko dekh...apki tippni ke bahaane aapke rachna sansar ko dekhane aur padhane ka saubhagya milaa.<br />बेहतर कल की आस में जीने की ख़ातिर,<br />अच्छे-खासे आज को खोना ठीक नहीं !!<br />bahut achchhaa likhate hain aap. <br />dada kamlesh bhatt kamal ji se aapka parichaya hai jaankar achchhaa laga.<br />apse mulaakaat ki ichchhaa rahegi.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-10826849756341668572010-01-24T18:38:18.237+05:302010-01-24T18:38:18.237+05:30शुक्रिया सर जी, मेरी फरमाइश को कबूल करने का।
विप्ल...शुक्रिया सर जी, मेरी फरमाइश को कबूल करने का।<br />विप्लवी साब का ये शेर "मैं कहाँ आसमाँ की तरफ देखता ,मेरे सजदों को जब तेरी दहलीज़ है" जाने कब से मेरे लिये किसी एंथेम से कम नहीं। बता दीजियेगा जनाब को अगर जिक्र छिड़े तो...<br /><br />दो ताजी ग़ज़लों के लिये टोकरी भर-भर शुक्रिया। अभी कई बार आना पड़ेगा इस पोस्ट पर।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-78632576504059464542010-01-24T15:03:03.483+05:302010-01-24T15:03:03.483+05:30'सिंह साहब आदाब
आपका तहे-दिल से शुक्रिया
बी. आ...'सिंह साहब आदाब<br />आपका तहे-दिल से शुक्रिया<br />बी. आर. ‘विप्लवी’ साहब <br />और उनके कलाम से मिलवाने के लिये<br />ये शायरी की ज़बान में कितना बड़ा पैग़ाम दे गये ‘विप्लवी’ साहब-<br />खुद को मत पत्थर कर डालो,<br />पत्थर के भगवान के पीछे !<br /><br />हमें भी मस्जिदों की है ज़रुरत,<br />हमारी नींद खुलती है अजाँ से <br /><br />काश हर मज़हब का अहतराम करने के लिये हम सभी ऐसा ही सोचें..!!<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-9908449524372758262010-01-24T12:49:52.789+05:302010-01-24T12:49:52.789+05:30विप्लव जी ने तो अपनी ग़ज़लों के माध्यम सेचूपचाप ही...विप्लव जी ने तो अपनी ग़ज़लों के माध्यम सेचूपचाप ही विप्लव ही मचा दिया ....... बहुत हक़ीकत से जुड़ी ग़ज़लें हैं ..... कमाल के शेर हैं ..... आपने परिचय करवाया .. बहुत बहुत शुक्रिया ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-81615664658580267232010-01-24T09:27:57.351+05:302010-01-24T09:27:57.351+05:30singh sahab , aap mere blog par aaye aapka swagat,...singh sahab , aap mere blog par aaye aapka swagat, rachna padhna aur comments ke liye dhanyawaad, punah padharen, aur sneh banaye rakhen.<br /><br /><br />जब से हूँ ईमान के पीछे,<br />जिस्म पड़ा है जान के पीछे !<br />खुद को मत पत्थर कर डालो,<br />पत्थर के भगवान के पीछे !<br />इक दिन रेत बना डालेंगी,<br />नदियाँ हैं चट्टान के पीछे !<br /><br />aapki rachnayen dil ko chhoo gain , behatareen aur lajawaab, badhaai sweekaren.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-41906285557604694502010-01-24T06:41:46.030+05:302010-01-24T06:41:46.030+05:30गजब का परिचय कराया आपने ! एक कशिश पैदा करती शायरी ...गजब का परिचय कराया आपने ! एक कशिश पैदा करती शायरी की प्रस्तुति भा गयी मन को ! <br />जो ऐसा रचेंगे, उन्हें कुछ दिखाने की क्या जरूरत ! <br /><br />हर एक पंक्ति खूबसूरत है, पर हम ठहरे यहीं - <br />"उम्र की दास्तान लम्बी है !<br />चैन कम है थकान लम्बी है !!<br />हौसले देखिए परिंदों के,<br />पर कटे हैं उड़ान लम्बी है !!<br />पैर फिसले ख़ताएँ याद आईं ,<br />कैसे ठहरें ढलान लम्बी है !!"<br /><br />यहाँ ’हंसी’ को ’हसीं’(हसीन)होना चाहिये क्या - <br />"आँख का फ़ैसला दिल की तज्वीज़ है !<br />इश्क़ गफ़लत भरी एक <b>हंसी</b> चीज़ है!!"Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-47181803166953272902010-01-24T00:15:13.164+05:302010-01-24T00:15:13.164+05:30आपके साथ मेजर साब का भी शुक्रिया... इस परिचय को हम...आपके साथ मेजर साब का भी शुक्रिया... इस परिचय को हम तक पहुचाने के लिए.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-28999476020048957212010-01-23T20:11:01.729+05:302010-01-23T20:11:01.729+05:30maine vipalvi ji kitaab padhi hai
waqayi bahut san...maine vipalvi ji kitaab padhi hai<br />waqayi bahut sanzeeda shayar hai<br />har gazal khoosburat<br /><br />aapke lekh mein unke vayaktitv ke bare mein padhkar bahut achcha laga<br />unke bare mein kuch aur bhi batayeश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-75976532905925831942010-01-23T18:27:24.282+05:302010-01-23T18:27:24.282+05:30आदरणीय विप्लवी जी का नाम मैंने भी बहुत सुना है.......आदरणीय विप्लवी जी का नाम मैंने भी बहुत सुना है.... आपने जो उनका तआर्रुफ़ कराया उसका मैं आपका शुक्रगुज़ार हूँ. इतने गिरां-ऐ-लाज़िम शख्सियत से हज्ज़-ऐ-वस्ल-ऐ-ख़ुत्बा का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. खूबसूरत ग़ज़लों से मुलाक़ात का यह सिलसिला आगे भी आप कराते रहेंगे... इसी उम्मीद में आपका....<br /><br />महफूज़...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-91390371274512513462010-01-23T17:07:02.749+05:302010-01-23T17:07:02.749+05:30विप्लवी साहब, वाह-वाह. और सिंह साहब जिंदाबाद.
एक ब...विप्लवी साहब, वाह-वाह. और सिंह साहब जिंदाबाद.<br />एक बहुत ही शानदार शायर से परिचित कराया, शुक्रिया. इया शुक्रिये का ३/४ मेजर गौतम राजरिशी की भेंट कीजिएगा.<br />मैं पहली बार आपके ब्लाग तक पहुँचने में कामयाब हो सका हूँ. इससे पहले जाने क्यों जब आना चाहा, कोई न कोई बाधा सामने खड़ी हो गयी. अफ़सोस कि देर से आया.<br />मैं गोरखपुर से हूँ और लखनऊ में हूँ . आप कहाँ हैं, गोरखपुर या लखनऊ?<br />मेरा सेल नम्बर है ९६९६३१८२२९. मुझे आपसे बात करके खुशी होगी, आप को हो न हो.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-87512899578078418382010-01-23T12:25:53.586+05:302010-01-23T12:25:53.586+05:30बहुत ही सुन्दर रचना
हर एक फारमेट में लिखना यही
ए...बहुत ही सुन्दर रचना<br />हर एक फारमेट में लिखना यही <br />एक अच्छे लेखक की पहचान है |<br />और यह रचना आपको महान लेखकों की कतार में<br />खड़ा करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी| <br />बल्कि मै तो इस रचना से आप में गुलज़ार <br />साहब का अक्स देख रहा हूँ | <br />किन्ही पंक्तियों लो जायदा अच्छा कह के में <br />बाक़ी के साथ नाइंसाफ़ी नहीं कर सकता<br /> क्यों की सारी रचनाएँ उम्दा है |<br />गुरदेव आपके चरणों में सत सत नमन|<br /> पी.सिंह .Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-62410142616176466502010-01-23T12:08:54.710+05:302010-01-23T12:08:54.710+05:30पैर फिसले ख़ताएँ याद आईं ,
कैसे ठहरें ढलान लम्बी ह...पैर फिसले ख़ताएँ याद आईं ,<br />कैसे ठहरें ढलान लम्बी है !! <br /><br />क्या बात है..एक शेर मे इतना कुछ!! एकदम सही कहा है उनके बारे मे वसीम साहब ने..इतनी गहरी बात इतनी सिम्प्लिसिटी के साथ यूँ ही नही आती है...<br />..और फिर यह<br /><br />इक दिन रेत बना डालेंगी,<br />नदियाँ हैं चट्टान के पीछे ! <br /><br />किसी सभ्यता के विकास की कहानी सी लगती है..<br />शायरी लिखना जितना अहम् है उतना ही खास है शायरों पर लिखना..जिसके लिये आपका आभार!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-25334784570639150302010-01-23T11:40:52.397+05:302010-01-23T11:40:52.397+05:30किसको उठा कर कोट करूँ ! सब की सब एक से बढ़कर एक है...किसको उठा कर कोट करूँ ! सब की सब एक से बढ़कर एक हैं ! <br />विप्लवी जी इतना सहज- विप्लव करते हैं ! मैं तो प्रवाह ही देख रहा हूँ ! <br />साहब तो शायरी की दुनिया के रंगीले रतन हैं .. और इस दृष्टि से आप <br />रत्नगर्भा हैं .. (तुलना के क्रम में लिंग बदला हूँ , माफ़ कीजियेगा ! ) ..<br />.<br />प्रेरणा यहाँ से लिया है .. <br />'' पैर फिसले ख़ताएँ याद आईं ,<br />कैसे ठहरें ढलान लम्बी है !! ''Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-28609931143179903382010-01-23T11:20:07.579+05:302010-01-23T11:20:07.579+05:30बहुत बढ़िया, शुक्रिया!बहुत बढ़िया, शुक्रिया!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1230703632887811097.post-32032783042926280322010-01-23T10:49:41.480+05:302010-01-23T10:49:41.480+05:30'उड़ान लम्बे हैं ' को 'उड़ान लम्बी हैं...'उड़ान लम्बे हैं ' को 'उड़ान लम्बी हैं' कीजिए।<br /><br />@<br />मैं कहाँ आसमाँ की तरफ देखता,<br />मेरे सजदों को जब तेरी दहलीज़ है!!<br /><br />क्या बात है !गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com