अक्तूबर 31, 2008

सरदार को याद करते हुए..

सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के उन चंद राजनेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने देश की खातिर अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया.३१ अक्टूबर १८७५ को जन्मे वल्लभ भाई पटेल के विषय में इतना ज्यादा लिखा पढ़ा गया है कि और ज्यादा बताने की ज़रूरत नही. मैं व्यक्तिगत तौर पर उनको इसलिए भी बहुत पसंद करता हूँ कि उनमे भारत की अंतरात्मा को समझाने की जबदस्त क्षमता थी. गाँधी जी के परम अनुयायी होने के कारण गरीब जनता-किसान-मजदूर में उनकी पैठ कितनी गहरी थी इसका अंदाजा गुजरात बारडोली आन्दोलन तथा नौसेना विद्रोह से लगाया जा सकता है. वकील के रूप में सेवा करते हुए उनका गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद जाना और उसके बाद सत्याग्रह , डंडी मार्च में भाग लेना और फ़िर कैबिनेट मिशन में दृढ़ता से अपना पक्ष रखना उनके दृढ़ व्यक्तित्व को दिखाता है .........भारत विभाजन के दौरान कांग्रेस- लीग का जब विरोधाभास चल रहा था तो पटेल जी का लिया गया हर निर्णय भारत की धड़कन को छू रहा था.भारत की आज़ादी के बाद गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री के रूप में रियासतों के विलय में भी उनकी भूमिका और किसी परिचय की मोहताज नही है. अखिल भारतीय सेवाओं को स्थापित करने में उनका विज़न यह था कि किस तरह भारत को अखिल भारतीय तरीके से जोड़ा जाए. इधर मैंने सरदार के ऊपर कुछ किताबें पढ़ी और फिल्में देखी.रिचर्ड एटनबरो की गाँधी और भारतीय फिल्मकार केतन मेहता की सरदार भी देखी. इन दोनों फिल्मों में सईद जाफरी और परेश रावल ने सरदार की भूमिका निभायी है. मैं सरदार फ़िल्म को ज्यादा अच्छी इस दृष्टिकोण से मानता हूँ कि इस फ़िल्म में सरदार को बखूबी दिखाया गया है.परेश रावल का काम इतना अच्छा है कि क्या कहने. लेकिन मुझे लगता है की सरदार पर अभी और रिसर्च वर्क किया जाना ज़रूरी है.स्वतंत्रता आन्दोलन के बहुत से नायक अभी भी छुपे हुए हें जिन पर काफी काम किया जाना है उनमे से एक सरदार भी हैं. बहरहाल भारत के लौह पुरूष सरदार को हमारा शत शत नमन.

4 टिप्‍पणियां:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

आपने सरदार को याद तो किया .मैंने आपका जिक्र किया है अपने ब्लॉग मे ,याद दिलाने का शुक्रिया

sumati ने कहा…

कई दरिया यहाँ तक आत-आते सुख जाते हैं
हमें मालुम है पानी कहाँ ठैरा हुआ होगा ..

तुम्हारी व्यस्तता कई मायने मैं घबराहट बढ़ाने वाली है ..मुझे यकीं नहीं होने पाता की जहाँ तुम हो वहां की आवोहवा .....जहाँ हम हैं ..के प्रति तुम्हारा नज़रिए मैं कोई बदलाव लाना देगी ...एक ही तरीका है जल्दी जल्दी ब्लॉग लिख दिया करो ...

Unknown ने कहा…

Sardar patel ko yaad dilane ke liye dhanyavad. mere vichar se yadi sardar patel PM huye hote to BHARAT ka MAP aaz ki tulna me alag hota. DP

VOICE OF MAINPURI ने कहा…

kafi din baad likha.but jo likha behtreen likah.bhahiya likhte ho to kamal kr dete ho.