नवंबर 26, 2009

ज़ख्म जो अब तक भरा नहीं .........


कुछ ज़ख्म कभी नहीं भरते ........................!

याद तो नहीं करना चाहता मगर भूलती भी तो नहीं वो रात.......अचानक मुंबई में आंतक का जो खेल शुरू हुआ उसने पूरे देश में दहशत मचा दी थी. दस आतंकी और उनकी लेओपोल्ड कैफे , नरीमन पॉइंट.....ताज होटल जैसे स्थानों पर दहशतगर्दी..........! सांस साधे एनएसजी के जवानों का अभियान देखता देश...... बहरहाल 170 शहीद जिनमे 16 वे वीर पुलिस कर्मी भी थे जिन्होंने अपनी जान गवां दी ............साल गुजर गया है मगर ज़ख्म अभी तक भरा नहीं है............!

जो हुआ अब कभी कहीं हो............नम आँखों से 26/11 की बरसी पर शहीदों को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि !

(तस्वीर बीबीसी से)



7 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

ऐसे दर्द कभी भर नही पाते ..क्योंकि इसे उत्पन्न करने वाली चोट किसी एक नही बल्कि पूरे भारतवासी के दिलो दिमाग़ को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है..

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

भाई !
ये वो वक़्त हैं जिन्हें वक़्त भी नहीं भूल पता होगा ...

Udan Tashtari ने कहा…

भावभीनी श्रद्धांजलि!

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

ये दिन भुलाया नहीं जा सकता
धन्यवाद

दिगम्बर नासवा ने कहा…

IN JAKHMON KA BHARNA ITNA AASAAN NAHI ..... HAMAARI BHI SHRADHAANJALI HAI IN VERON KO ...

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

आपने पोस्ट के माध्यम से apniश्रद्धांजलि दी.

शहीदों को नमन.

गौतम राजऋषि ने कहा…

दुआ तो इतनी सी है कि ये ज्ख्म कभी भरे ही नहीं..इस जख्म का दर्द हर पल हर क्षण हमसब को टीस देता रहे....