मई 21, 2010

अनौपचारिक मुलाकात, बात-चीत चेतन भगत से.........!

सुबह-सुबह स्थानीय मित्र शोभित अग्रवाल ने मोबाईल पर फोन किया, पूछा आज शाम का क्या प्रोग्राम है ? प्रतिउत्तर में मैंने कहा कि वैसे तो कुछ खास नहीं......। शोभित ने कहा कि यदि शाम को कहीं किसी शासकीय कार्य में व्यस्त न हों तो शाम को एक डिनर पार्टी में आप को आमंत्रित करना चाहता हूँ। मैंने शोभित से इस पार्टी की वजह जाननी चाही तो शोभित ने कहा कि किसी कोचिंग संस्थान की लांन्चिग प्रोग्राम में मशहूर लेखक चेतन भगत आ रहे हैं, प्रोग्राम तो कल है, चूँकि चेतन भगत आज खाली हैं, तो यह कार्यक्रम बना है कि उनके साथ हम लोग डिनर पर चलंे। शोभित ने बड़ी सहजता से यह कार्यक्रम बना लिया था, जबकि मैं जानता था कि चेतन भगत आज के समय के सबसे ज्यादा बिकने और पढ़े जाने वाले लेखक हैं। विगत 5-7 सालों में उनके लेखन की प्रसिद्धि चारों ओर फैली है। वे आज युवा वर्ग में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले हिन्दुस्तानी अंग्रेजी लेखक हैं। युवाओं को उनकी किताबें सम्मोहित सी करती हैं। उनको हाल ही में मीडिया ने भी काफी प्रचारित व प्रसारित किया है। ‘‘थ्री इडियट्स’’ जैसी सफल हिन्दी फिल्म की कहानी लिखने वाले मामले में विधु विनोद चोपड़ा और उनकी कंट्रोवर्सी अभी जे़हन में ताजा बनी हुई है।
बहरहाल यह सारी वज़हें तो एक तरफ............ चेतन भगत से से मिलने की उत्कंठा ने मुझे सारे काम दर-किनार कर उनसे मिलने के लिए प्रेरित किया। मैंने शोभित से कहा कि शाम को मैं पार्टी में आ रहा हूँ। अपने तमिल मित्र नवीन कुमार जी0एस0 के साथ शाम 8:30 बजे निर्धारित स्थल पर मैं पहुँच गया। जिस होटल में यह डिनर पार्टी थी, उसी होटल में युवा लेखक चेतन भगत रूके हुए भी थे। तकरीबन 30-35 लोग इस डिनर पार्टी में आमंत्रित थे। इन आमंत्रित लोगों में भी अधिकांश वही थे, जिन्होंने अपनी कोचिंग की लॉन्चिग में चेतन भगत को बुलाया था। 10 मिनट बाद चेतन भगत डाइनिंग हॉल में आ गये। चेतन भगत बिल्कुल टीन एजर युवा की भांति हॉल में आये, नीली जीन्स पर काले रंग की शार्ट टी-शर्ट और रिमलेस चश्मा लगाये हुए चेतन भगत पहली मुलाकात में ही बिल्कुल अपने से लगे। ऐसा लगा ही नहीं कि चेतन भगत से हम पहली बार मिल रहे हैं।
हम लोग खाना भी लेते रहे और चेतन भगत से बात-चीत भी करते रहे, बात-चीत के दौरान उनकी जीवन कथा और उसके बाद उनके लेखन पर भी चर्चा हुई। बात-चीत के दौरान पता चला कि 22 अप्रैल 1974 को जन्मे चेतन भगत की आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा दिल्ली के आर्मी स्कूल में हुई, उसके बाद उन्होंने आई0आई0टी0 दिल्ली से मैकेनिकल इन्जिीनियरिंग में बी0-टेक किया, तदोपरान्त आई0आई0एम0 अहमदाबाद से प्रबन्धन की डिग्री हासिल की। अहमदाबाद में प्रबन्धन की डिग्री लेने के दौरान ही दक्षिण भारतीय सहपाठी अनुशा से उन्हें लगाव हो गया जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। 1997 में प्रबन्धन की डिग्री पाने के बाद वे कुछ दिनों सिटी बैंक में भी कार्यरत रहे, लेकिन उनकी असली इच्छा तो लेखन की थी, सो लेखन के मैदान में कूद पड़े। एक बार जब लेखन शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नही देखा।
उनकी पहली किताब Five Point Someone उनके अपने आई0आई0टी0 छात्र जीवन पर आधारित थी। यह किताब इतनी ज्यादा पसंद की गयी कि देश के अधिकांश अंग्रेजी दॉ युवक-युवतियों के लिए यह किसी आवश्यक ‘टेक्स्ट बुक’ सरीखी हो गयी। गत वर्ष की सबसे हिट हिन्दी फिल्म ‘‘थ्री इडियट्स’’ इसी रचना पर आधारित बतायी जाती है। उनकी दूसरी किताब 2005 में One night@ the call center आयी। यह किताब कॉल सेन्टर में काम करने वाले ऐसे 6 व्यक्तियों के मनोभावों को प्रकट करती थीं, जिन्हें एक रात ‘‘भगवान’’ से कॉल आती है। चेतन भगत की इस किताब पर भी एक पिक्चर बनी, जिसका नाम था ‘‘हैलो’’, इस पिक्चर में सलमान खान, सुहेल खान आदि थे। लगभग 3 साल बाद 2008 में उनकी किताब The 3 Mistakes of My Life आयी। यह किताब क्रिकेट, राजनीति और प्यार के त्रिकोण पर आधारित थी और मजे की बात यह थी कि इस किताब पर भी फिल्म बनाये जाने की तैयारी है। उनकी अभी तक के लेखन में अंतिम कृति 2 States – The Story of my marriage है जो उनके ही जीवन पर ही आधारित है। यह किताब मुझे इसलिए भी अच्छी लगी कि इस किताब में भारत के अखण्ड-एकता के स्वरूप के दर्शन होते हैं। चूँकि चेतन भगत की पत्नी दक्षिण भारतीय हैं, जाहिर है कि सांस्कृतिक-क्षेत्रीय विविधताओं से रोजाना वे दो-चार होते ही होंगे। इस किताब में उसी विरोधाभाषों का चित्रण बड़े ही रोचक ढंग से किया गया है। इस किताब में उत्तर भारतीय पात्र ‘वर्मा’ तथा दक्षिण भारतीय पात्र ‘स्वामीनाथन’ के बीच क्षेत्रीय विवादों का वार्तालाप बड़े ही दिलचस्प ढंग से लिखा गया है।
चेतन भगत आज-कल दैनिक भाष्कर और टाइम्स ऑफ इण्डिया में स्तम्भकार के रूप में भी लेखन कर रहे हैं। वे अपने ब्लाग पर भी कॉफी सक्रिय हैं। हमेशा चेहरे पर मुस्कान ओढ़े रहने वाले शान्तचित्त वाले चेतन भगत से अनौपचारिक बात-चीत करना बहुत अच्छा लगा। उनकी यह साफगोई मुझे बहुत प्रभावित कर गयी कि ‘‘मैं बहुत साधारण बोल-चाल वाली अंग्रेजी का इस्तेमाल अपनी रचनाओं में करता हूँ, ताकि बहुत ज्यादा गम्भीर हुए बिना अपनी बात आम आदमी तक पहुँचा सकूं।’’ वे युवाओं को अंग्रेजी सीखने के लिए भी प्रेरित करते हैं। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि ‘‘हिन्दी और अंग्रेजी में सास-बहू का रिश्ता है और आज का प्रत्येक युवा एक ऐसा घरेलू लड़का है जिसे माँ भी चाहिए और पत्नी भी। भले ही सास-बहू में तकरार चलती रहे। ’’ मैंने जब चेतन से यह जानना चाहा कि आई0आई0टी0 और फिर आई0आई0एम0 से एम0बी0ए0 और उसके बाद लेखन........... क्या यह बदलाव कुछ ज्यादा नहीं है? चेतन भगत मुस्कुराते हुए बोले जिस काम में खुद को संतुष्टि मिले आदमी को वही काम करना चाहिए। मैंने उनसे जब यह जानना चाहा तो अगला प्रोजेक्ट क्या है, तो वे बोले ‘‘भाई, अभी डिलीवरी प्रोसेस से बाहर आया हूँ और आप पूँछ रहे हैं कि अगला बेबी कब होगा? अभी 2 States – The Story of my marriage रिलीज हुई है, थोड़ा आराम कर लू तब नये प्रोजेक्ट के बारे में सोचूंगा।’’ और वे इतना कहकर खिलखिला कर हँस पड़ते हैं।
चेतन भगत से यह मुलाकात निश्चित रूप से इसलिए याद रहेगी कि एक 35-36 वर्षीय युवक किस तरह अपने लक्ष्य निर्धारित करता है और उन्हें पाता भी है। बौद्धिकता किसी जगह-काल की मोहताज नहीं होती। वे चाहे आई0आई0टी0 में रहे हों या आई0आई0एम0 में और अब लेखन में..........हर देशकाल-परिस्थिति में वे एक दम फिट हैं और अपने होने का पुख्ता सबूत भी देते हैं। दावे के साथ कहा जा सकता है कि चेतन भगत के लेखन की गम्भीरता को लेकर भले ही प्रश्न चिन्ह उठाये जाये, लेकिन आज के युवा दिमाग में वे एक शाइनिंग स्टार हैं, जिन्हें बहुत आगे तक जाना है।

19 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बहुत बढ़िया लगी यह मुलाकात ............... बस २-४ तस्वीरें भी होती पार्टी की तो और भी आनंद आ जाता !!
लगे रहिये !! शुभकामनाएं !!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बहुत अच्छा अवसर रहा...

Udan Tashtari ने कहा…

चेतन भगत से आपकी डिनर मुलाकात निश्चित ही दिलचस्प लगी. पढ़कर अच्छा लगा.

Rangnath Singh ने कहा…

रुचिकर।

Smart Indian ने कहा…

बहुत बढ़िया!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

चेतन भगत से आपकी मुलाकात के बारेमें पढ़ कर बहुत अच्छा लगा ... दिलचस्प व्यक्तित्व के मालिक है चेतन ....

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

जी बिलकुल चेतन भगत एक फिट युवा हैं... उनके लेखन से झलकता है.

आपके डिनर मुलाक़ात में हम भी मिल लिए

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की गई मुलाकात. चेतन भगत जी के ब्लॉग का लिंक भी होता तो अच्छा रहता.

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

भइया चेतन भगत वास्तव में बेहतरीन लेखक है
तार्रुफ़ के लिए बहुत बहुत ........आभार

Pari ने कहा…

Chetan Bhaghat is truly the inspiration of educated Indian youths.Glimpsing the today's times of India,I came across his article on Editorial Page.Whenever I read his piece of work,I get impetus to do sth fruitful in life!!!!And now I see him with my mausa dining together!!!!Overwhelming isn't it??????I love his 2 states.There is a blend of every flavour in that book.

rashmi ravija ने कहा…

चेतन भगत से मुलाकात का विवरण बहुत पसंद आया...अब तो वे 'यूथ आइकन' बन चुके हैं...उनके नाम की वजह से आई.आई. टी. के ही एक और छात्र 'अनिमेष वर्मा' की पुस्तक "लव लाइफ एन ड्रीम ऑन' को प्रकाशकों ने हाथोंहाथ लिया और उसकी जबरदस्त पब्लिसिटी की...हर बड़े अखबार,पत्रिकाओं और रेडियो से उनके इंटरव्यू प्रकाशित और प्रसारित किए गए.पर आई.आई.टी. में पढने से ही सिर्फ कोई चेतन भगत जैसा लेखक नहीं बन सकता.
चेतन भगत की लेखन शैली में गज़ब का प्रवाह है,जो पाठक को कहीं पुस्तक नीचे नहीं रखने देता. मैने उनकी चारों किताबें पढ़ी हैं. पर पहली, 'फाइव पॉइंट समवन ' और 'टू स्टेट्स' ही अच्छी लगी.
इंतजार हैं उनकी अगली किताब का...और आशा है इन दोनों के तर्ज़ पर ही होगी.

VOICE OF MAINPURI ने कहा…

भैया क्या खूब लिखा.....दिल खुश हो गया.चेतन भगत देश की नई पीडी के पसंदीदा लेखकों में हैं...इनकी सबसे बड़ी बात मुझे ये लगती है कि इनकी किताबें वो नोजवान सबसे ज्यादा पसंद करते है जो अमूमन लिट्रेचर को पढने से बचते है..नई पीडी में कोर्स की किताबों से भी अलग कुछ पढने का शौक चेतन जी की ही देन है. साथ ही चेतन के करियर को देख के लगता है कि वे सही मायने में युवा है जो कभी संतुष्ट नहीं होता. ..... आप के साथ उनकी मुलाकात किसी उपलब्धि से कम नहीं है...लेख सच में शानदार लगा.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत सुन्दर आख्यान है मुलाकात का ...
आपकी शुभकामनायों के लिए शुक्रिया ... ये जानकर अच्छा लगा की आप मेरे ब्लॉग का नियमित पाठक हैं ... आपका हमेशा स्वागत है ... अपनी टिप्पणियां और सुझाव देते रहिएगा ...

Urmi ने कहा…

बहुत बढ़िया और दिलचस्प लगी चेतन भगत से आपकी मुलाकात! आपने बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! शानदार पोस्ट!

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

सुन्दर लगा आपका चेतन-मिलन-बरनन !
'टू स्टेट' तो मैं भी खरीद लाया हूँ , पढ़ना शेष है |
आपको पढ़कर पठनेच्छा और बढ़ गयी !
एकाएक रुका आपके '' जगह-काल '' प्रयोग पर , इस शब्द - युग्म
के प्रयोग को गलत नहीं कहूँगा , पर '' देश-काल'' लिखा जाता
तो ज्यादा सौन्दर्य निखरता ! जगह फारसी का शब्द है ( यानी
संस्कार का ) , इसका सहज बर्ताव काल जैसे संस्कृतनिष्ठ शब्द के
साथ नहीं होता ! आभार !

अरुणेश मिश्र ने कहा…

प्रशंसनीय ।

Arvind Mishra ने कहा…

एक जोरदार शाम !

pankaj ने कहा…

bhaiya .. thanks for introduce a great youth icon . youth personalities like chetan are the real model of india's generation next . an outstanding post .

Himanshu Pandey ने कहा…

टू स्टेट्स पढ़ चुका हूँ ! रोचक उपन्यास है !
चेतन भगत की सहज भाषा उन्हें लोकप्रिय बनाती है..और कहने का अंदाज भी !
यूथ आइकन तो वो हो ही चुके हैं !
इस मुलाकात के विवरण का आभार !