अगस्त 07, 2008

डॉ विक्रम सिंघ -यथार्थ के साथ

"यथार्थ के सामानांतर "नाम की किताब डॉ विक्रम सिंह ने कुछ दिन पहले भेंट की। दरअसल डॉ सिंह दिल्ली में आयोजित एक प्रोग्राम में मिले थे। किताब की तह तक जाने से पूर्व एक नज़र डॉ सिंह पर। वे उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग में सीनियर अधिकारी हैं १९८५ बैच के। यूँ तो उनसे अक्सर फ़ोन पर बात होती ही रहती थी आमने सामने की पहली मुलाकात इसी प्रोग्राम में २७ जुलाइ को हुई। वे सरकारी काम के साथ लेखन से रिश्ता लगातार बनाये हुए हैं। उन्होंने अब तक लगभग १२ किताबें लिखी हैं। वे मैनपुरी के रहने वाले हैं जो कमोबेश मेरा भी जनपद है। वे विदेश मंत्रालय में हिन्दी सलाहकार रहे हैं। रेडियो और दूरदर्शन पर भी उनकी उपस्थिति बनी रहती है। कई देशों की यात्रा वे कर चुके हैं। १९८७ के मूलादेवी अवार्ड तथा हिन्दी भूषण से वे सम्मानित किए गए हैं। उनकी अन्य कृतियाँ हैं- प्रिंटिंग मिस्टेक, लकड़ बग्घे शहर में ,सरहद, पानी के निशाँ , नोर्वे की यात्रा ( अंग्रेज़ी में भी ), मम्मी और फादर और यथार्थ के समानान्तर .... ।
यथार्थ के.... किताब अपने आप में अनूठी किताब है। जिंदगी के साथ चलते हुए सभी घटना क्रमों पर लेखक की नज़र बड़ी पैनी है। किताब में कुल १७ निबंध हैं। पहला निबंध सर्व प्रथम होने का गौरव देश के पुराने शानदार अतीत की याद दिलाता है। भारत के बाहर हिन्दी का अस्तित्व कहाँ - किस अवस्था में है, इसका विषद विश्लेषण भी यहाँ मौजूद है। दलित-स्त्री चिंतन में वे लाजबाव हैं। आँखों देखा सच और भोगे हुए सच के बीच में उनके अनुभव चिंतन की एक नई राह खोलते हैं। गावों से शहरों का सफर कितना कष्ट दायक है और आगे इसके परिणाम क्या होंगे ..... लेखक की बेचैनी वाजिब लगती है। लेखक केवल पुराणी चीज़ों से ही नही जुदा है उसमे नए परिवर्तनों से जुड़ने का भी सलीका है इसीलिए इस किताब में तीन लेख कंप्यूटर तथा उससे सम्बंधित सॉफ्टवायर के विषय में भी हैं। इस कित्ताब की अद्भुत उपब्धि.... प्रिंटिंग मिस्टेक ....राम चरित मानस की सर्वाधिक आलोचित पंक्ति के बारे में -"ढोल गंवार .................ताडन के अधिकारी" पर उनका लेख नए विचार के साथ है। सहमत न होते हुए भी उनकी राय महत्त्वहीन नही मानी जा सकती। बहरहाल मैंने इस किताब का पूरा स्वाद चखा है अगर आपको कहीं ये किताब मिल जाए तो इसका मज़ा लीजिये........ डॉ सिंह की विद्वता को एक बार पुन: प्रणाम।

1 टिप्पणी:

Sachin ने कहा…

Many Many Happy Returns of the day . May Your all wishes come true.