अगस्त 28, 2008

पारिवारिक मूल्य

कल रात हम आइस क्रीम खाने निकल पड़े. खाना खाने के बाद अक्सर रात में परिवार के साथ इस तरह का लघु रतजगा हमेशा अच्छा लगता है. आइस क्रीम के बहाने बीबी - बच्चों के साथ बहस मुबाहिसें भी हो जाती हैं...दिन भर के ऑफिस के झंझटों से दूर हटकर कुछ समय अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए भी मिल जाता है. मैं हमेशा ही इस बात का घोर समर्थक रहा हूँ की हर आदमी को अपने परिवार पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इस भागती दौड़ती जिंदगी में अक्सर हम अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को परिवार की कीमत पर पूरा करने की कोशिश करते हैं. मत भूलिए इस आपा - धापी में आप अपने लक्ष्य पा भी ले मगर आपकी पत्नी- बच्चों -माँ- भाई -बहन- बाप के साथ रिश्ते कहीं बोझिल होते जाते हैं और इसका एहसास बहुत बाद में हो पाता है. आप अपनी रेस जीतने के लालच में अपने परिवार के अन्य सदस्यों की खुशियों के साथ अन्याय करते जाते हैं. सिंगल फॅमिली सिस्टम के बाद तो जीवन मूल्यों में इस कारण और भी गिरावट आयी है. हमारी आने वाली पीढीयों को यदि अच्छे संस्कार नही मिल पा रहे हैं तो निश्चित ही हमारी तरफ़ से कोई कमी की जा रही है.....याद करिए हम जब छोटे बच्चे थे तो रात को अपनी दादी- नानी के पास लेट जाते थे और कहानी सुनने की फरमाइश करते थे दादी - नानी की कहानियों में मनोरंजन के साथ साथ जीवन के तमाम सिद्धांत भी हम सिख जाते थे .... परिवार में माहौल भी काफी डेमोक्रेटिक हुआ करता था ....हर एक की बात का महत्त्व था. अब तो जो कमाऊ सदस्य है वही घर को अपने कायदों से चलाने की कोशिश करता है. मैं आप सबका ध्यान इसलिए इस विषय की ओर लाना चाहता हूँ क्योंकि परिवार को पारिवारिक मूल्यों के साथ चलाने के अपने सुखद फायदे हैं......बच्चों के साथ-परिवार के अन्य सदस्यों के साथ लोकतांत्रिक बनिए उनकी इच्छाओं का आदर करके देखिये आपको सचमुच संतुष्टी का एहसास होगा.

6 टिप्‍पणियां:

Abhishek Ojha ने कहा…

वो बचपना तो मुश्किल है...
पर हाँ बहुत कुछ जो हम अंधाधुंध खोते जा रहे हैं उसके प्रति ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया...
कभी कभी मैं भी सोचता हूँ... पर क्या करें बहुत कोशिश कर के भी अभी तक अकेले ही रह रहा हूँ...

Smart Indian ने कहा…

क्या खूब विचार हैं आपके, बहुत सुंदर! बधाई! किसी ने ने कहा भी है, "टूटी गगरी लिए फ़िर रहे हैं, मिलकर नहीं पीते थे जो पानी..."

art ने कहा…

kaash ki sabhi ye samjh paate

makrand ने कहा…

just gone to your post
you got trmrndous explaination power keep on writing

Unknown ने कहा…

is subject par poorva me aap se charcha hue thi. hum jaise kuchh log jyaada number lene ke chakkar me kuchh aisa karte hain. aapne hame samjhaya tha ki always family ko first priority par rakho. Aaz aapne apani lekhani se sabhi ko sandesh dene ka subh karya kiya. bahut bahut dhanyavad

विक्रांत बेशर्मा ने कहा…

आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगी ...आपने सही कहा हर किसी को अपने परिवार का ध्यान रखना चाहिए ...आपने अपने विचार बहुत ही सुंदर ढंग से व्यक्त किए हैं ...एक बहुत ही उम्दा पोस्ट के लिए बधाई !!!!!! एक छोटा सा अनुरोध है अपनी प्रोफाइल में अपना नाम जरूर डालें ......जो इतना अच्छा लिखता हो अगर उसका नाम मालूम न हो तो कुछ मज़ा नही आता